'surando' photo courtesy : asanjokutch.com |
Bijal aur Raidiyach |
सुरंदे की बात निकलती है तो बीजल और राइदियाच याद आते हैं. एक था बीजल और एक था राइदियाच. बीजल एक गवैया और रायदियाच, गिरनार झूनागढ़ का राजा. सिंध-कच्छ की प्रसिद्ध लोक कथा 'सोरठ राइदियाच' में बीजल चारण ने यही साज़ बजाकर राजा राइदियाच का मन मोह लिया था और ईनाम में उनका सिर माँगा था. और रानी सोरठ के लाख समझाने पर भी, बीजल से किये हुए वायदे अनुसार राइदियाच ने स्वयं अपना सिर क़लम कर इस कलाकार के आगे धर दिया! रानी सोरठ ने अपने पति की जलती चिता में कूदकर जान दे दी. मजबूरी में किये हुए अपने इस गुनाह से बीजल भी बहुत शर्मिंदा और दुखी था. पश्चाताप करते हुए उसने भी प्राण त्याग दिए. अब न ऐसा कोई बीजल है और न ऐसा कोई राइदियाच.
'सोरठ राइदियाच' की प्रसिद्ध लोक कथा आप यहाँ पढ़ सकते हैं :
http://www.museindia.com/viewarticle.asp?myr=2011&issid=39&id=2819
और पेश है सुरंदे की प्यारी धुन, कलाकार हैं मुहम्मद फ़कीर मुहाणों. बशुक्रिया यूट्यूब
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