tag:blogger.com,1999:blog-5157326775135254417.post3005280258539127683..comments2020-03-16T20:28:46.021+05:30Comments on सिमसिम: एक सिन्धी बालगीत :)विम्मी सदारंगानीhttp://www.blogger.com/profile/14549123465565357275noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-5157326775135254417.post-79187712307639052722013-05-14T20:19:30.504+05:302013-05-14T20:19:30.504+05:30ही बाल गीत असां पहिंजी वेब ते प्रकाशित कयो , इनजे ...ही बाल गीत असां पहिंजी वेब ते प्रकाशित कयो , इनजे लाय तंवाखे धन्यवाद .<br /> http://news-marrysindhi.blogspot.in/2013/05/blog-post_14.html<br />Ashwani kumar.Ashwani kumarhttps://www.blogger.com/profile/16404897130210153704noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5157326775135254417.post-64416897790826442962012-07-08T22:58:28.235+05:302012-07-08T22:58:28.235+05:30:) बहुत शुक्रिया मनोज पटेल जी. एक बड़ा शुक्रिया सर...:) बहुत शुक्रिया मनोज पटेल जी. एक बड़ा शुक्रिया सर्वेश्वर दयाल सक्सेना जी की यह कविता सुनाने के लिए भी :)विम्मी सदारंगानीhttps://www.blogger.com/profile/14549123465565357275noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5157326775135254417.post-70237717543548196792012-07-08T22:18:02.710+05:302012-07-08T22:18:02.710+05:30बहुत अच्छी कविता. सर्वेश्वर दयाल सक्सेना की कविता ...बहुत अच्छी कविता. सर्वेश्वर दयाल सक्सेना की कविता याद आ गई:<br /> <br />घन्त मन्त दुई कौड़ी पावा<br />कौड़ी लै के दिल्ली आवा,<br />दिल्ली हम का चाकर कीन्ह<br />दिल दिमाग भूसा भर दीन्ह,<br />भूसा ले हम शेर बनावा<br />ओह से एक दुकान चलावा,<br />देख दुकान सब किहिन प्रणाम<br />नेता बनेन कमाएन नाम,<br />नाम दिहिस संसद में सीट<br />ओह पर बैट के कीन्हा बीट,<br />बीट देख छाई खुशिहाली<br />जनता हंसेसि बजाइस ताली,<br />ताली से ऐसी मति फिरी<br />पुरानी दीवार उठी<br />नई दीवार गिरी।मनोज पटेलhttps://www.blogger.com/profile/18240856473748797655noreply@blogger.com